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बैंक चेक कितने प्रकार के होते हैं? | Bank Cheque Kitne Prakar Ke Hote Hain?

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Bank Cheque Kitne Prakar Ke Hote Hain

बैंक चेक कितने प्रकार के होते हैं? | Bank Cheque Kitne Prakar Ke Hote Hain? की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करें। 

हो सकता है की अपने बैंक के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करने के लिए आप चेक बुक का इस्तेमाल करते करते हो पर क्या आपको पता है किस बैंक में उपलब्ध चेक कितने प्रकार के होते हैं? – Bank Cheque Kitne Prakar Ke Hote Hain?  इस ब्लॉग पोस्ट में मैं आपको बताऊंगा की बैंक चेक कितने प्रकार के होते हैं और उससे संबंधित संपूर्ण जानकारी आपको जहां मिलेगी।

भारत में बैंक कितने प्रकार के होते हैं या बैंक खाते कितने प्रकार के होते हैं यह तो शायद आपको पता होगा पर क्या आपको पता है कि खाताधारक को दिए जाने वाले चेक के विभिन्न प्रकार होते हैं अगर नहीं तो चलिए जानते हैं चेक कितने प्रकार के होते हैं?

बैंक चेक क्या है? (Bank Cheque Kya Hai)

बैंक चेक एक कागज का टुकड़ा है जिसमें एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को भुगतान करने का वचन देता है। इसे हम एक भुगतान पत्र भी कह सकते हैं जिसमें एक कागज पर लिखकर भुगतान किया जा सकता है। इस भुगतान पत्र के द्वारा बैंक को आदेश दिया जाता है कि वह दूसरे व्यक्ति को रुपयों का भुगतान करें।

चेक, बैंक द्वारा अपने बैंक खाते के ग्राहक को दिए जाने वाला एक भुगतान का साधन है जिसके द्वारा खाताधारक किसी दूसरे व्यक्ति या कंपनी के अकाउंट में सीधे पैसे का भुगतान कर सकते हैं।

आप जब भी किसी को चेक देते हैं तो उस पर आप, किसे चेक दे रहे हैं, उसका नाम, आप कितना पैसा देना चाहते हैं उसकी संख्या लिखनी होती है और अंत में आपको अपना हस्ताक्षर करना होता है।

बैंक चेक के नियम (Bank Cheque Ke Niyam)

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार मेरी आप चेक के द्वारा पेमेंट करते हैं तो नहीं नियमों के अनुसार ₹500000 में उससे अधिक की रकम  के चेक जारी करने से पहले आपको अपने बैंक को इनफॉर्म करना जरूरी है क्योंकि यदि आप ऐसा नहीं हो सकता है कि आपका चेक बाउंस हो जाए।

चेक बाउंस होने की स्थिति में आप को पेनल्टी भी देने पड़ सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक में बैंकिंग फ्रॉड से बचने के लिए और अपने ग्राहकों को से बचाने के लिए यह नया नियम लागू किया है।

ऐसी स्थिति में यदि किसी बैंक ग्राहक को किसी कारण बड़े अमाउंट का ट्रांजैक्शन करना है तो वह NEFT या फिर RTGS जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सकता है।

भारतीय रिजर्व बैंक के नए नियमों  के अनुसार अब बैंकों को छुट्टी वाले दिन भी चेक क्लियर करना होगा जिसके कारण चेक पेमेंट हो सकेगा। नए नियमों के कारण 24×7 चेक क्लीयरेंस की सुविधा बैंक ग्राहक को मिलेगी।

बैंक चेक कितने प्रकार के होते हैं? | Bank Cheque Kitne Prakar Ke Hote Hain?

ऐसा देखा जाता है कि सभी बैंक ग्राहक कभी ना कभी पैसे का भुगतान करने के लिए चेक इस्तेमाल करते हैं। परंतु उन्हें बैंक में उपलब्ध चेक के प्रकार से संबंधित कोई जानकारी नहीं होती है। दिक्कतें दबा दी है जब वह कोई आउटसोर्सिंग चेक अपने बैंक में लगाते हैं और उसे मिलने में उन्हें देरी होती है तब उन्हें बैंक में उपलब्ध चेक के प्रकार (Types of Cheque) और वह किस तरह से भुगतान करते हैं उसके बारे में पता लगता है। तो चलिए जानते हैं बैंक चेक कितने प्रकार के होते हैं? – Bank Cheque Kitne Prakar Ke Hote Hain?

बैंक चेक मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं (3 Types of Bank Cheque)

#1. खुला चेक (Open Cheque)

खुला चेक या ओपन चेक वह चेक होता है जिसे बैंक के काउंटर पर जाकर नकद प्राप्त किया जा सकता है। ओपन से अपने आप को क्लीयरेंस का इंतजार करने की जरूरत नहीं है इसका मतलब यह है कि जैसे ही आप यह चेक बैंक के अकाउंट में जमा कर देंगे बैंक अधिकारी आपको इस चेक पर लिखी गई राशि दे देंगे यह आप अपने बैंक अकाउंट में भी इस राशि को ट्रांसफर करा सकते हैं।

#2. बेयरर चेक की परिभाषा (Bearer Cheque)

बेयरर चेक वह चेक होता है जिसमें खाताधारक का कोई भी प्रतिनिधि बैंक में जाकर इस चेक में लिखी गई राशि को प्राप्त कर सकता है। इस चेक में बहुत रिस्क होता है क्योंकि यदि यह चेक गुम हो जाए या किसी दूसरे व्यक्ति के हाथ में लग जाए तो वह भी बैंक में जाकर इस राशि को प्राप्त कर सकता है। बेयरर चेक के पीछे हस्ताक्षर करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है।

#3. क्रॉस चेक किसे कहते हैं? (Cross Cheque)

क्रॉस अपने ऊपर बायीं ओर दो समानांतर रेखाएं खींची जाती है। क्रॉस चेक किसी व्यक्ति या किसी संस्था के नाम से लिखा जाता है। इस चेक में नगद राशि का भुगतान नहीं होता है और लिखी गई राशि केवल उस व्यक्ति या संस्था के खाते में ट्रांसफर होती है।

क्रॉस चेक को रेखांकित चेक भी कहा जाता है यह सबसे सुरक्षित चेक भी होता है क्योंकि इसमें राशि सीधे प्राप्तकर्ता के बैंक खाते में जाती है।

#4. आदेश चेक (Order Cheque)

इस चेक में “Bearer” शब्द को काट कर उस स्थान पर “Order” लिख दिया जाता है। आदेश चेक में खुले चेक की ही तरह अपने अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए जा सकते हैं। इस चेक के पीछे हस्ताक्षर करने के बाद किसी अन्य व्यक्ति को प्राधिकृत किया जा सकता है।

स्थान के आधार पर बैंक चेक के प्रकार

#1. स्थानीय चेक  या लोकल चेक

यदि कोई बैंक चेक एक ही शहर में क्लियर हो जाता है तो ऐसे चेक को स्थानीय या लोकल चेक कहते हैं। उदाहरण के लिए यदि किसी ने आपको कोई बैंक चेक दिया हो और आप उस चेक को उसी शहर से संबंधित बैंक ब्रांच में लगाकर उससे नगद प्राप्त कर सकते हैं।

ऐसे चेक को यदि आप किसी अन्य शहर में जाकर क्लियर करवाओ गे तो उसके लिए आपको अतिरिक्त शुल्क लग सकता है।

#2. आउटस्टेशन चेक (Outstation Cheque)

यदि किसी चेक को किसी अन्य शहर में ले जाकर क्लियर करवाया जाए तो उसे आउटस्टेशन चेक कहते हैं  ऐसे  चेक को क्लियर करवाने के लिए बैंक आपसे कुछ अतिरिक्त शुल्क लेता है।

#3. एट पार चेक (At Par Cheque)

एट पार चेक वह चेक होते हैं जिन्हें देश के किसी भी बैंक ब्रांच स्वीकार किया जाता है। इन चेक को किसी दूसरे शहर के ब्रांच में क्लियर करने के दौरान बैंक आपसे कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देता है।

मूल्य के आधार पर बैंक चेक के प्रकार

#1. साधारण मूल्य वाले चेक (Normal Value Cheque)

यदि किसी चेक में लिखी गई राशि एक लाख से कम है तो ऐसे चेक को साधारण मूल्य वाले चैट कहा जाता है। 

#2. ऊँचे मूल्य वाले चेक (High Value Cheque)

यदि चेक में लिखी गई राशि एक लाख से अधिक है तो ऐसे चेक को ऊँचे मूल्य वाले चेक कहा जाता है।

#3. उपहार चेक (Gift Cheque)

यदि आप अपने किसी परिवार के सदस्य या अपने परिवार जनों को उपहार स्वरूप चेक देते हैं तो ऐसे चेक गिफ्ट चेक या उपहार चेक कहते हैं। इन चेक में लिखी गई राशि ₹100 से लेकर ₹10000 तक हो सकती है।

गारंटी भुगतान के आधार पर बैंक चेक के प्रकार

#1. सेल्फ चेक (Self Cheque)

वह चेक जिसे खाताधारक बैंक में भुगतान के लिए स्वयं प्रस्तुत करता है। ऐसे चेक पर भुगतान पाने वाले के नाम की जगह पर “Self” लिखा होता है। 

#2. आगे की तारीख वाला चेक (Post Dated Cheque – PDC)

यह एक बीयर चेक होता है जिसमें भुगतान करने के लिए आगे की तिथि अंकित की जाती है जिसका मतलब यह है की इस चेक का भुगतान अंकित तिथि पर या उसके बाद भी हो सकता है।

#3. पीछे की तारीख वाला चेक (Ante Dated Cheque – ADC)

इस चेक में प्रस्तुत करने से पहले की तिथि अंकित होती है। यह चेक अंतिम तिथि से 3 महीने पूरे होने के बाद भी भुनाया जा सकता है।

#4. काल बाधित चेक (Stale Cheque)

हर चेक को उस पर अंकित की गई तिथि के 3 महीने के अंदर भुनाने का नियम होता है लेकिन यदि यह तिथि पर हो जाती है तो बैंक ऐसे चेक को स्वीकार नहीं करता है। इन चेक को काल बाधित चेक कहते हैं।

इस ब्लॉग को उसने हमने देखा कि बैंक चेक कितने प्रकार के होते हैं? – Bank Cheque Kitne Prakar Ke Hote Hain? और उनकी क्या भूमिका होती है। यदि इस लेख से आपकी कोई सहायता हुई हो तो आप इसे अपने दोस्तों और सोशल मीडिया पर भी शेयर कर सकते हैं।

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FAQ: बैंक चेक कितने प्रकार के होते हैं? | Bank Cheque Kitne Prakar Ke Hote Hain? से संबंधित सभी प्रकार के प्रश्न:

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भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार चेक की वैधता अवधि केवल 3 महीने की होती है।

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