Bank Khate Kitne Prakar Ke Hote Hain – जब भी आप बैंक में अपना नया खाता खुलवाने के लिए जाते हैं तो बैंक कर्मचारी आपसे पूछता है कि आपको किस तरह का बैंक खाता खुलवाना है? तब आपके मन में सवाल आता है की बैंक खाते कितने प्रकार के होते हैं? (Types of Bank Account) तो आपके इसी सवाल का जवाब देने के लिए मैं यह लेख लिख रहा हूं।
हम जब भी बैंक में जाते हैं अपना नया अकाउंट खुलवाने के लिए तो अमूमन हम बचत खाता ही खुलवाते हैं जिसे आप सेविंग अकाउंट (Saving Account) कहते हैं। परंतु इसके अलावा भी बहुत से बैंक खाते के प्रकार (Bank Khate Ke Prakar) हैं, जिन्हें आप अपने नजदीकी बैंक शाखा में खुलवा सकते हैं। एक बैंक खाता Financial Planning करने के लिए किसी के लिए बहुत सारे उद्देश्य रखता है, जिनमें से तीन सबसे महत्वपूर्ण हैं सुरक्षा, सुविधा और बचत।
आज के जमाने में सभी के पास अपना बैंक खाता होता है। यह न केवल जरूरी है बल्कि कई कामों के लिए बहुत आवश्यक भी है। लेकिन क्या आप जानते हैं बैंक अकाउंट कितने तरीके के होते हैं? – Bank Khate Kitne Prakar Ke Hote Hain? अक्सर लोग विभिन्न प्रकार के बैंक खातों के बीच फर्क को लेकर कंफ्यूज रहते हैं जबकि इन तरह-तरह के बैंक खातों में सुविधाएं, नियम और बेनिफिट अलग-अलग होते हैं। साथ ही इन बैंक खातों में लगने वाले चार्जेस भी अलग होते हैं।
सभी ग्राहक अपनी अपनी आवश्यकता के अनुसार अपने डॉक्यूमेंट को देकर, बैंक में अपना खाता खुलवा सकते हैं और लेनदेन करते समय ग्राहक अपने बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं। अगर आपको बैंक में अपने पैसे जमा करने होते हैं तो आप सेविंग अकाउंट (Saving Account) ओपन करवाते हैं। पर यदि आप कहीं पर काम कर रहे हैं और आप को Salary Receive करनी है तो उसके लिए सैलरी अकाउंट (Salary Account) होता है। उसी तरह अगर आप सेवानिवृत्त हो गए हैं तो आपको पेंशन लेने के लिए पेंशन अकाउंट (Pension Account) खुलवाना होता है। तो ऐसे बहुत से बैंक खाते (Different Bank Account) होते हैं जिन्हें आप अपनी आवश्यकता के अनुसार बैंक में खुलवा सकते हैं।
भारत में मूल रूप से चार प्रकार के बैंक अकाउंट होते हैं, जैसे Current Accounts, Savings Accounts, Recurring Accounts और Fixed Deposit Accounts. आप एक गृहिणी हों या स्कूल/कॉलेज के छात्र, किसी व्यवसाय के मालिक, नौकरी करने वाले व्यक्ति या सेवानिवृत्त वाले भारतीय हों, आपका बैंक खाता न होना यह अकल्पनीय है।
इस लेख में मैं आपको विभिन्न प्रकार के बैंक खातों (Bank Khate Kitne Prakar Ke Hote Hain) के बारे में बताऊंगा जिसमें से आप अपने लिए बेस्ट ऑप्शन चुन सकते हैं।
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- बैंक खाते कितने प्रकार के होते हैं? (Bank Khate Kitne Prakar Ke Hote Hain)
- #1. बचत खाता – Saving Account
- #2. चालू खाता – Current Account
- #3. आवर्ती जमा खाता – Recurring Deposit Account
- #4. सावधि जमा खाता – Fixed Deposit Account
- #5. बुनियादी बचत खाता – Basic Saving Account
- #6. सैलेरी अकाउंट – Salary Account
- #7. डीमेट खाता – Demat Account
- #8. प्रवासी भारतीय खाता – NRI Related Account
बैंक खाते कितने प्रकार के होते हैं? (Bank Khate Kitne Prakar Ke Hote Hain)
बैंक में मुख्य रूप से 4 प्रकार के खाते होते हैं। इसके अलावा भी बहुत से बैंक अकाउंट हैं जो आपकी जरूरतों के हिसाब से खोले जा सकते हैं तो आइए जानते हैं बैंक में खोले जाने वाले विभिन्न प्रकार के बैंक खातों के बारे में:
बैंक में खातों के प्रकार (Types of Bank Accounts In India)
#1. बचत खाता – Saving Account
जैसा कि इसके नाम से ही पता चल रहा है इस बैंक खाते में बचत करने के लिए पैसे जमा करवाए जाते हैं। बचत खाता किसी भी सरकारी या निजी बैंक में न्यूनतम रुपए जमा करवाकर खुलवाया जा सकता है। यह न्यूनतम रुपए (Minimum Balance) की राशि हर बैंक में अलग-अलग हो सकती है। लेकिन ज्यादातर सरकारी बैंकों में यह न्यूनतम राशि 100 से 1000 के बीच में होती है। Saving Account में जमा की गई राशि पर बैंक पर आज भी देता है यह ब्याज हर बैंक में अलग अलग हो सकती है और यह समय समय पर बदलती रहती है।
बैंक विभिन्न प्रकार के बचत खाते (Different Savings Accounts In India) उपलब्ध कराते हैं जो खाताधारक की उम्र, आय और लिंग के पर आधारित होते हैं।
बचत खाते में किसी भी समय आप अपना पैसा जमा या निकाल सकते हैं। आप जब भी अपना बैंक बचत खाता खुलवाते हैं तो बैंक उसके साथ आपको एक पासबुक (Passbook), चेक बुक(Cheque Book) और एक एटीएम कार्ड (ATM Card) देता है। अपने बचत खाते से पैसे निकालने के लिए आप विड्रोल फॉर्म (Withdrawal Form) का इस्तेमाल कर सकते हैं। आमतौर पर हम एटीएम कार्ड का इस्तेमाल करके अपने बचत खाते से पैसे निकालते हैं। इसके अलावा आप चेक जारी करके भी पैसे की निकासी कर सकते हैं।
सामान्य बचत खाता मैं बैंक खाता धारको 2% से 4% तक ब्याज प्रदान करता है। यह ब्याज दर समय-समय पर बैंक द्वारा बदली जा सकती है जिसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) नियंत्रित करता है।
विभिन्न सामान्य बचत खाते(Different Types Of Saving Accounts)
नीचे दिए गए कुछ सामान्य बचत खातों के प्रकार हैं, जिन्हें आप भारत के सरकारी या निजी बैंकों में खुलवा सकते हैं।
जॉइंट खाता – Joint Account
कोई भी बचत खाता जिसे दो या दो से अधिक व्यक्ति संचालित कर सकते हो उसे जॉइंट खाता कहते हैं। इन खातों में खाताधारक पति-पत्नी, बिजनेस पार्टनर या परिवार के सदस्य हो सकते हैं।
वरिष्ठ नागरिक बचत खाता – Senior Citizen Saving Bank Account
जैसा कि आपको नाम से ही पता लग रहा है कि यह बैंक खाते वरिष्ठ नागरिकों के लिए है, जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है। इन खातों में बैंकों द्वारा कई बेनिफिट दिए जाते हैं।
महिला बचत खाता – Women Saving Account
भारत में कई बैंक महिलाओं की वित्तीय जरूरतों, निवेश और जीवन शैली की जरूरतों को पूरा करने के लिए खास सेविंग अकाउंट की सुविधाएं प्रदान करते हैं। अकाउंट में बैंकों की तरफ से कई बेनिफिट और कैशबैक ऑफर के फायदे मिलते हैं।
छात्र बचत खाता – Student Saving Account
कुछ बैंक छात्रों (Student) के लिए स्पेशल बचत खातों की पेशकश करते हैं। इनमें कोई न्यूनतम बैलेंस नहीं होता है। विभिन्न बैंकों में इनसे संबंधित नियम अलग हो सकते हैं।
बच्चे का खाता – Savings Accounts For Children
यदि आप 10 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बैंक खाता खुलवाना चाहते हैं, तो ऐसे बैंक खातों को चाइल्ड अकाउंट (Child Account) कहते हैं। इनके खातों में माता-पिता या अभिभावक संयुक्त रुप से भागीदार होते हैं। 18 वर्ष की आयु पार होने के बाद इन खातों को नियमित बचत खातों में परिवर्तित कर दिया जाता है।
बचत खाते की विशेषताएं:
- खाताधारक अपने बचत खाते में कितनी बार भी पैसे जमा कर सकता है, लेकिन इन खातों से कितनी बार पैसा निकालना है इस पर प्रतिबंध लगाया गया है।
- इन खातों में मिलने वाले ब्याज की दर सालाना 2% से 4% के बीच में हो सकती है।
- इन खातों के खोलने के बाद खाताधारक को एटीएम कार्ड, पासबुक और चेक बुक प्राप्त होती है।
#2. चालू खाता – Current Account
चालू खाता बड़े व्यवसाई, कंपनियां या संस्थान जैसे कि स्कूल, कॉलेज, अस्पताल के द्वारा बैंकों में खोले जाते हैं क्योंकि इनको कई बार भुगतान करना होता है या पैसे जमा करने होते हैं। इसलिए ऐसे बड़े खाताधारकों को चालू जमा खाता खुलवाना (Current Account) अनिवार्य है। अधिकांश चालू खाता फर्म या कंपनियों के नाम पर ही खोले जाते हैं।
क्योंकि इन खाताधारकों को दिन में कई बार पैसों का लेनदेन करना पड़ता है जिसके लिए एक चालू खाता खुलवाना आवश्यक हैं, जिसमें पैसों की लेनदेन की कोई सीमा नहीं होती है। चालू खाते में जमा की गई राशि पर बैंक कोई ब्याज नहीं देता है। इसके विपरीत खाताधारक को ही प्रत्येक साल बैंकों को एक निश्चित राशि का भुगतान करना होता है। इन खातों में व्यापारियों को शून्य-ब्याज (Zero Interest) दर मिलती है और इनको संचालित करने के लिए न्यूनतम शेष राशि (Minimum Balance) रखना होता है।
क्योंकि चालू खाता (Current Account) व्यापारिक दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण है इसलिए बैंक अपने ग्राहकों को जमा की गई राशि से अधिक की निकासी की सुविधा भी प्रदान करता है। जिसे ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी (Overdraft Facility) कहते हैं।
चालू खाते के नियम: (Rules For Current Account)
- इस प्रकार के बैंक खाते ज्यादातर व्यवसाय के लिए ही उपलब्ध होते हैं।
- ऐसे खातों में पैसे निकालने या जमा करने की कोई निश्चित संख्या नहीं होती है।
- चालू बैंक खातों में ओवरड्राफ्ट की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
- चालू खातों में कोई ब्याज नहीं दिया जाता है।
#3. आवर्ती जमा खाता – Recurring Deposit Account
इस तरह का खाता उन ग्राहकों के लिए उपयुक्त है जो नियमित रूप से पैसों की बचत कर सकते हैं और एक निश्चित समय में जमा की गई राशि पर उचित ब्याज प्राप्त कर सकते हैं।
आवर्ती जमा खाता (RD) में ग्राहक अपनी इच्छा अनुसार एक निश्चित अवधि का चुनाव करता है (6 महीने से लेकर 10 साल तक हो सकती है) और महीने की एक निश्चित तिथि को एक निश्चित राशि ग्राहक द्वारा जमा की जाती है। निश्चित अवधि समाप्त होने के बाद खाताधारक को पूरी जमा राशि ब्याज सहित लौटा दी जाती है।
आवर्ती जमा खाता धारक जरूरत पड़ने पर समय से पहले भी इस खाते को बंद कर सकता है और इस समय के अनुसार ही बैंक खाता धारक को उसकी की गई जमा राशि पर ब्याज प्रदान करता है।
आवर्ती जमा खाता में ब्याज दर सामान्य बचत खाता से अधिक होता है लेकिन इस खाते का ब्याज दर सावधि जमा खाता से कम होता है।
आवर्ती जमा खातों की विशेषताएं:
- कोई भी व्यक्ति या संस्था अलग से या संयुक्त रूप से आवर्ती जमा खाता खोल सकता है।
- आवर्ती जमा खातों की अवधि 6 महीने से लेकर 120 महीने तक हो सकती है।
- इनमें मिलने वाली ब्याज की दर अलग-अलग बैंकों पर निर्भर करती है।
- आवर्ती जमा खातों में आप नामांकन की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।
- आप अपनी राशि की समय पूर्वक निकासी कर सकते हैं।
#4. सावधि जमा खाता – Fixed Deposit Account
जिन ग्राहकों के पास अधिक मात्रा में धन होता है लेकिन वह अपने पैसे पर कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं ऐसे लोग लंबी अवधि के लिए अपने धन के लिए सावधि जमा खाता खोल सकते हैं। भारत में सभी बैंक जैसे कि (SBI, PNB, ICICI Bank, HDFC Bank etc.) फिक्स डिपॉजिट की सुविधा प्रदान करते हैं।
भारतीय बैंक विशेष रूप से ऊपर दिए गए बैंक अकाउंट खोलते हैं लेकिन इनके अलावा भी कई तरह के बैंक खाते हैं जो आप अपने नजदीकी बैंक ब्रांच में जाकर खुलवा सकते हैं। सावधि जमा खाता, बैंकों में खुलने वाले बचत खाते से बिल्कुल अलग है क्योंकि बचत खाते में आपको 3% से 5% वार्षिक ब्याज प्राप्त होता है जबकि सावधि जमा खाता में बैंक आपको 6 से 8% तक का ब्याज प्रदान करता है। इसमें केवल बैंकों की एक ही शर्त होती है कि आपको अपनी धनराशि एक नियमित समय के लिए जमा करवाना होता है। उदाहरण के लिए आप 7 दिन से लेकर 10 साल तक सावधि जमा खाता (FD) खुलवा सकते हैं।
यदि समय से पहले आप अपने सावधि जमा खाते (FD) में जमा की गई राशि को निकलवाना चाहते हैं तो उस समय बैंक आप पर कुछ पेनल्टी लगा कर आपको शेष ध्यान वापस कर देगा। सावधि जमा खाता में ब्याज दर आवर्ती जमा खाता और सामान्य बचत खाते से अधिक होती है।
सावधि जमा खातों की विशेषताएं:
- सावधि जमा खातों को वन टाइम डिपॉजिट या वन टाइम टेकअवे अकाउंट भी कहते हैं।
- FD खातों में जमा की गई राशि को एक ही बार में निकाला जा सकता है।
- सावधि जमा खाता पर बैंक ब्याज देती है।
वैसे तो ऊपर बताए गए 4 बैंक खाते के मुख्य प्रकार है, लेकिन इनके अलावा भी ऐसे बहुत से बैंक खाते के प्रकार हैं जो राष्ट्रीय बैंकों द्वारा खोले जाते हैं। जिनके बारे में नीचे बताया गया है:
#5. बुनियादी बचत खाता – Basic Saving Account
बुनियादी बचत खाता को हम जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट (Zero Balance Saving Account) भी कह सकते हैं इस सुविधा की शुरुआत रिजर्व बैंक द्वारा समाज से वंचित और गरीब लोगों को बैंकिंग सुविधा प्रदान करने के लिए 2005 में की गई थी। इन खातों को ”नो फ्रिल खाता“ – No Frill Saving Account भी कहा जाता था।
बुनियादी बचत खाता को कोई रुपए जमा किए बिना खोला जा सकता है। यदि खाताधारक किसी कारण अपने बचत खाते को इस्तेमाल ना करें तो भी बैंक किसी तरह का भी कोई शुल्क नहीं लगा सकता है।
बुनियादी बचत खाताधारकों को एक माह में अधिकतम 4 बार अपने खाते से निकासी की अनुमति प्रदान की गई है।
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#6. सैलेरी अकाउंट – Salary Account
इन बैंक खातों को हम वेतन खाता भी कहते हैं। ऐसे बैंक खातों को तभी खोला जा सकता है जब आपके Employer और आपके बैंक का के बीच गठजोड़ हो। यह वह खाता है जहां हर महीने के आखिरी में आप का वेतन आपके Employer द्वारा जमा कर दिया जाता है। इसके अलावा कर्मचारी सैलरी अकाउंट के अलावा अपने लिए Reimbursement अकाउंट भी खुलवा सकता है।
#7. डीमेट खाता – Demat Account
डीमैट खाते वह खाते होते हैं जिनमें आप अपने द्वारा खरीदे गए शेयर्स को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखते हैं। डिमैट अकाउंट (Demat Account) का मतलब डीमैटरियलाइज्ड अकाउंट भी होता है। भारत में केवल दो डिपॉजिटरी संगठन है जो इस प्रकार के बैंक खातों का प्रबंधन करते हैं : NSDL और CDSL
डीमेट खातों की विशेषताएं:
- डीमैट खातों की मदद से आप शेयर्स और बॉन्ड को आसानी से Buy और Sell कर सकते हैं।
- इन खातों की मदद से आप शेयर्स को इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में रख सकते हैं।
- डीमैट खातों को खोलने के लिए केवाईसी(KYC) आवश्यक है।
- आप कहीं से भी बैठकर ऑनलाइन इन खातों को चला सकते हैं।
- लेन-देन की लागत कम हो जाती है और समय भी बचता है।
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#8. प्रवासी भारतीय खाता – NRI Related Account
यह बैंक खाते विदेशों में रहने वाले भारतीय, भारतीय मूल के लोगों के लिए है। इन खातों को विदेशी खाते भी कहा जाता है। प्रवासी भारतीय खातों में दो प्रकार के बचत खाते होते हैं और एक सावधि जमा खाता होता है।
अनिवासी साधारण (NRO) बचत खाते या सावधि जमा खाते – NRO or Non-Resident Ordinary
इन खातों में जब भी कोई विदेशी भारतीय नागरिक पैसे जमा करता है। जब भी कोई इसमें विदेशी मुद्रा जमा करता है तो उसे भारतीय रुपए INR में परिवर्तित कर दिया जाता है। खाताधारक भारत या विदेशों में अर्जित किए हुए धन को एनआरओ बैंक खातों (NRO Account) में जमा कर सकता है। इन जमा खातों में अर्जित आय पर कर लगाया जाता है।
अनिवासी बाहरी (NRI) बचत खाते या सावधि जमा खाते – NRE or Non-Resident External Accounts
NRI बचत खाते भी एनआरओ (NRO) खातों के समान ही होते हैं और इनमें रखा गया धन INR में रखा जाता है। यह बैंक खाते केवल विदेश से की गई कमाई को पार्क करने के लिए किया जाता है। इन जमा खातों में अर्जित ब्याज पर भारत में कर नहीं लगाया जाता है।
विदेशी मुद्रा अनिवासी (FCNR) खाता – Foreign Currency Non-Resident (FCNR) Account
जैसा कि इसके नाम से ही पता लग रहा है कि ऊपर दिए गए दो खातों से बिल्कुल विपरीत है। एफसीएनआर खाते (FCNR Bank Account) विदेशी मुद्रा में ही बनाए जाते हैं और इन खातों में मूलधन और ब्याज दोनों का हस्तांतरण किया जा सकता है। लेकिन इन खातों में अर्जित किए गए ब्याज पर भारत में कर नहीं लगाया जाता है।
भारत के बैंकों में विभिन्न प्रकार के बैंक खाते उपलब्ध है खाताधारक अपनी इच्छा और जरूरत के अनुसार बैंक में अपने लिए खाता खोल सकता है। जिससे यह कहा जा सकता है कि उनकी व्यवस्था को इस तरह से व्यवस्थित किया गया है ताकि समाज के सभी वर्ग और संस्थान आदि लेन-देन करने के लिए बचत खाता खोल सकते हैं।
बैंक अकाउंट सभी के पास होते हैं, हो सकता है आपके पास एक से अधिक सेविंग अकाउंट हो पर सभी को केवल सेविंग और करंट अकाउंट के बारे में पता होता है।
इन सभी बैंक अकाउंट के बारे में जानने के बाद आप अपने लिए एक सही बैंक अकाउंट का चुनाव कर सकते हैं। एक ऐसे बैंक अकाउंट का चुनाव करें जो आपकी सभी जरूरतों को पूरा कर सके और जमा की गई राशि को सुरक्षा प्रदान करें।
मुझे उम्मीद है कि आप का सवाल बैंक खाते कितने प्रकार के होते हैं? (Bank Khate Kitne Prakar Ke Hote Hain?) का मेरे द्वारा दिया गया जवाब आपको पसंद आया होगा। मेरे इस जवाब को शेयर जरूर करें ताकि दूसरे जरूरतमंद लोगों को बैंक खाते के प्रकार (Types of Bank Account) के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके।
FAQ: Bank Khate Kitne Prakar Ke Hote Hain? से संबंधित सभी प्रकार के प्रश्न:
एक आदमी कितने बैंक अकाउंट रख सकता है?
इसके लिए कोई नियम नहीं बनाया गया है आप अपनी इच्छा अनुसार कितने भी बैंक अकाउंट रख सकते हैं। आप एक ही बैंक में एक से ज्यादा या भिन्न-भिन्न बैंक में अपने बैंक अकाउंट खुलवा सकते हैं।
चालू खाता किसे कहते हैं?
चालू खाता अमूमन व्यवसायियों के लिए होता है, इसमें दैनिक लेनदेन की कोई सीमा नहीं होती है। इन खातों में रखे गए धनराशि पर बैंक ब्याज नहीं देता है।
बैंक बचत खाता किसे कहते हैं?
बचत खाता आपको अपने धन को सुरक्षित रखने की की अनुमति प्रदान करता है। इसमें रखे गए धन पर बैंक आपको ब्याज देता है।
बचत खाते में कितना पैसा रख सकते हैं?
बचत खाते में कितना पैसा रख सकते हैं इसका कोई नियम नहीं है। पर नियम के अनुसार यदि किसी कारण आपका बैंक दिवालिया हो जाता है तो बैंक आपको ऐसी स्थिति में केवल ₹500000 ही दे सकती है।
एक व्यवसाय के लिए सबसे उपयुक्त खाता कौन सा है?
यदि आप व्यवसाई हैं तो अपने व्यवसाय के लिए आपको चालू खाता खुलवाना चाहिए। चालू खाते में दैनिक लेनदेन की कोई सीमा निर्धारित नहीं है।
भारत के बैंकों में कितने प्रकार के बैंक खाते होते हैं?
भारत में विभिन्न बैंकों में: बचत खाता, चालू खाता, आवर्ती जमा खाता, सावधि जमा खाता, डीमैट खाता और एन आर आई(NRI) खाता होते हैं।