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Top 8 Best Investment Options For Salaried Person In India

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Best Investment Options For Salaried Person In India

हमने हमेशा से अपने माता-पिता को बचत के महत्व पर जोर देते देखा है। आपने अपने दादा दादी के उदाहरण को सुना होगा कि कैसे उन्होंने अपनी मेहनत की कमाई की मदद से आप के माता पिता को पाला और उनकी हर इच्छा को पूरा किया। हमारे पूर्वजों ने निसंदेह अपने खर्चों (Child Education, Food and Rent) और बचत के साथ कुशलता से काम किया है। इस आर्टिकल में Best Investment Options For Salaried Person In India के बारे में बताया गया है जो आपके काम आ सकता है।

लेकिन दुर्भाग्यवश अब समय बदल गया है। आज के समय में Child Education, Food और विभिन्न प्रकार के लोन (Loan) के लिए बचत पर्याप्त नहीं है। अपने सभी खर्चों को संभालने के लिए आपको आय के वैकल्पिक स्रोतों की तलाश करनी होती है और उसके लिए आपको सही समय पर निवेश करना चाहिए।

दुनिया में सबसे अच्छी निवेश के सलाह है कि “आप जैसे ही कमाई करना शुरू करते हैं आपको निवेश करना शुरू कर देना चाहिए” “One Should Start Investing As Soon As They Start Earning”.

भारत में वेतन भोगी व्यक्तियों के पास चुनने के लिए निवेश के कई विकल्प है जिनमें विभिन्न म्यूच्यूअल फंड स्कीम (Mutual Fund), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension Scheme) आदि शामिल है।

एक सैलरीड पर्सन (Salaried Person) हमेशा ऐसे रिटर्न (Return) की तलाश में रहता है जो उसे कर लाभ (Tax Benefits) और तरलता के साथ सुरक्षा प्रदान करें। आपके इस कार्य को थोड़ा आसान बनाने के लिए हमने भी निवेश करने के लिए भारत में उपलब्ध कुछ सर्वोत्तम निवेश विकल्पों (Investment Options) की एक सूची तैयार की है।

Best Investment Options For Salaried Person In India

निवेश करने से पहले यदि आप Salaried Person है तो आपको इन Investment Options पर ध्यान देना चाहिए: (Best Investment Options For Salaried Person In India)

#1. Bank Fixed Deposits (FD) – बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट

बैंक फिक्स डिपाजिट – Bank Fixed Deposit भारत में उपलब्ध सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्पों में से एक है। फिक्स डिपाजिट आपके मूल निवेश पर निश्चित ब्याज दर प्रदान करता है। ये निवेश विकल्प भारत में लगभग हर बैंक द्वारा दी जाती है और इसके कारण भारत में कई निवेशक इन बैंक एफडी (Bank FD) का लाभ उठाते हैं।

आप एकमुश्त निवेश कर सकते हैं जो जमा अवधि के दौरान ब्याज प्राप्त करता है।   मैच्योरिटी पर निवेशक को मूल धन और अर्जित ब्याज मिल जाता है।

निवेशक 7 दिनों से लेकर 10 साल तक की अवधि वाले एफडी खातों का विकल्प चुन सकते हैं।

#2. Voluntary Provident Fund – स्वैच्छिक भविष्य निधि

वीपीएफ (VPF) इपीएफ (EPF) का एक विस्तार है और इसमें भी इपीएफ की ब्याज दर प्राप्त होती है। ईपीएफ के योगदान के अलावा आप अपनी इच्छा अनुसार वीपीएफ के योगदान को चुन सकते हैं। सरकार द्वारा हर साल ब्याज दर की समीक्षा की जाती है और निवेश राशि धारा 80c के तहत कर कटौती के लिए योग्य होती है। इस पर अर्जित ब्याज भी कर मुक्त होता है।

#3. Unit Linked Insurance Plan – यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान

यूलिप (ULIP) में निवेश (Investment) और जीवन बीमा (Insurance) दोनों होते हैं। आपके द्वारा दिया गया प्रीमियम का एक हिस्सा आपके जीवन बीमा के रूप में निवेश होता है जबकि दूसरा हिस्सा स्टॉक – Stock,  बांड – Bond, मार्केट इंस्ट्रूमेंट आदि में निवेश किया जाता है।

यूलिप 5 साल की लॉक इन अवधि (Lockin Period) के साथ आते हैं और धारा 80c के तहत कर कटौती (Tax Benefits) के लिए योग्य होते हैं।

#4. National Savings Certificate – राष्ट्रीय बचत पत्र

राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र एक निश्चित निवेश योजना है। इसमें 5 साल की लॉगइन अवधि (Lockin Period) के साथ सालाना 8% ब्याज दर की पेशकश सरकार द्वारा की जाती है।

पीपीएफ (PPF) की तरह ही एनएससी (NSC) की ब्याज दरों की समीक्षा सरकार हर तिमाही करती है। आप इसमें न्यूनतम ₹100 से अधिकतम डेढ़ लाख रुपए तक निवेश कर सकते हैं जिसमें आपको आयकर अधिनियम धारा 80c के तहत कर कटौती भी प्राप्त होती है।

#5. Invest In Public Provident Fund – सार्वजनिक भविष्य निधि में निवेश करें

PPF बचत का एक ऐसा साधन है जो लंबे समय में आपको बचत और कर लाभ प्रदान करता है। सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार पीपीएफ में निवेश की गई मूल राशि पर ब्याज दर हर तिमाही बदल दी जाती है।

पीपीएफ खाते की अवधि 15 वर्ष की होती है। इस अवधि को निवेशक की इच्छा के अनुसार आगे भी बढ़ाया जा सकता है। पीपीएफ खाते में निवेश के माध्यम से कर लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

एक वित्तीय वर्ष में डेढ़ लाख तक का निवेश आयकर अधिनियम की धारा 80c के तहत कर से मुक्त होता है। निवेश पर अर्जित ब्याज भी कर-मुक्त होता है। अधिकतर सैलरीड पर्सन – Salaried Person रिटायरमेंट कॉरपस – Retirement Corpus बनाने के लिए PPF का उपयोग करते हैं।

#6. Mutual Funds – म्यूचुअल फंड्स

म्यूचुअल फंड में बचत – Saving और Growth दोनों का संतुलन है। सैलेरी पर्सन के लिए म्यूचुअल फंड सबसे अच्छा निवेश विकल्प है। म्यूचुअल फंड में कई निवेशकों का धन एकत्रित करके एकत्रित धन से इक्विटी (Equity), डेट (Debt) और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट में निवेश (Invest) किया जाता है।

म्यूचुअल फंड का प्रबंधन एक फंड मैनेजर द्वारा किया जाता है। म्यूचल फंड स्कीम में निवेश आमतौर पर 8% से 12% तक प्राप्त हो सकता है जोकि बाजार की स्थितियों और जोखिमों के अधीन होता है।

म्यूचल फंड स्कीम में दो तरह से निवेश कर सकते हैं Lumsum या SIP (Systematic Investment Plan) के माध्यम से। लंबे समय के लिए एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करना हमेशा एक अच्छा विचार है। आप म्यूच्यूअल फंड में  DailyMonthly  या Quarterly निवेश कर सकते हैं।

Equity Mutual Fund – इक्विटी म्यूचुअल फंड

इक्विटी म्यूचुअल फंड अपने कॉरपस का कम से कम 65 परसेंट इक्विटी में निवेश करता है। यह फंड उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो शेयरों (Share Market) में निवेश करना चाहते हैं लेकिन समय के अभाव के कारण नहीं कर पाते हैं।

इन फंड्स में इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) नामक फंड की एक विशेष श्रेणी भी शामिल है जो आयकर अधिनियम धारा 80c के तहत कर कटौती प्रदान करती है। इसके लिए 3 साल की लॉक इन अवधि है।

Debt Mutual Fund – डेट म्यूचुअल फंड

डेट म्यूचुअल फंड में कॉर्पोरेट डेट सिक्योरिटीज, कॉर्पोरेट बॉन्ड, सरकारी सिक्योरिटीज और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किया जाता है। डेट म्यूचुअल फंड में न्यूनतम जोखिम होता है।

#7. Invest In National Pension System (NPS) – नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश करें

एनपीएस अकाउंट (NPS Account) भी रिटायरमेंट कॉरपस बनाने के लिए लाभदायक है। कोई भी भारतीय नागरिक जो 18 साल के ऊपर है इस स्कीम में सब्सक्राइब कर सकता है।

आपके द्वारा निवेश की गई रकम को इक्विटी और डेट सिक्योरिटी में निवेश किया जाता है। इसमें निवेश की गई पूंजी का लॉक इन पीरियड 60 साल की आयु तक होता है।

इसमें निवेश पर आयकर अधिनियम की धारा 80c के तहत डेढ़ लाख तक की कर कटौती प्राप्त है और धारा 80ccd (1b) के तहत 50000 तक की अतिरिक्त कर कटौती उपलब्ध होती है।

इस पर मिलने वाला रिटर्न बाजार में उतार-चढ़ाव और फंड मैनेजर द्वारा स्टॉक चयन पर निर्भर करता है।  हालांकि PFRDA यह सुनिश्चित करती है कि निवेशकों की पूंजी सुरक्षित रहे पर लंबे समय तक बने रहने के कारण निवेश की गई पूंजी में महत्वपूर्ण वृद्धि होती है।

#8. Invest In GOLD – सोने में निवेश करें

यदि आप भी एक सैलरीड पर्सन (Salaried Person) है और आपको अपनी जोखिम में विविधता लाने की आवश्यकता है तो आपको सोने में निवेश करना चाहिए उदाहरण के लिए यदि आपने अपना सारा पैसा इक्विटी में निवेश किया है और यदि इक्विटी में गिरावट शुरू हो जाती है तो आप अपना निवेश किया हुआ धन खो सकते हैं इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि आप अपने निवेश में विविधीकरण लाएं। सोने में निवेश करने का दूसरा कारण शादी सालगिरह आदि जैसे अवसरों के लिए सोने की आवश्यकताओं को पूरा करना है।

Conclusion – निष्कर्ष [Best Investment Options For Salaried Person In India]

आपको अपनी आवश्यकताओं और जोखिम लेने की क्षमता के बारे में पूर्ण ज्ञान होना चाहिए। एक निश्चित निवेश विकल्प आपको अच्छे रिटर्न दे सकता है। आपको अपनी तनख्वाह का एक बड़ा हिस्सा निवेश करना चाहिए ताकि लंबे समय में आपके पास पर्याप्त धन का सृजन हो सके। यदि आप भी अपने धन को इन्वेस्ट करना चाहते है तो आपको इन Best Investment Options For Salaried Person In India पर ज़रूर ध्यान देना चाहिए।

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