अपने हर वित्तीय कार्य को करने के लिए हमें बैंकों का सहारा लेना पड़ता है। इसलिए कभी ना कभी आपके मन में भी सवाल आता होगा कि भारत में कितने प्रकार के बैंक है? – Bharat Mein Kitne Prakar Ke Bank Hai? आज इस लेख में हम जानेंगे कि भारत में कुल कितने बैंक हैं और भारत में बैंक कितने प्रकार के होते हैं?
अक्सर हम बैंक में अपना अकाउंट ओपन करते हैं और हर रोज लेनदेन करते हैं। लेकिन हमें यह नहीं पता होता कि जिस बैंक में हमारा अकाउंट है वह किस प्रकार का बैंक है (Type of Bank)। आमतौर पर लोगों को केवल सरकारी और निजी बैंकों के बारे में ही पता होता है, लेकिन इसके अलावा भी भारत में कई प्रकार के बैंक होते हैं – Bank Kitne Prakar Ke Hote Hai। जिनके बारे में हम आज जानेंगे।
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भारत में हर बैंकों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के द्वारा मॉनिटर किया जाता है। इससे पहले कि हम जाने कि भारत में कितने प्रकार के बैंक हैं और कुल कितने बैंक हैं, हमें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। जिससे हमें पता होगा कि क्यों रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को “बैंकों का बैंक” भी कहा जाता है। आइए जानते हैं भारत की बैंकिंग प्रणाली के बारे में।
भारत में बैंकिंग प्रणाली – Banking System
भारत में आधुनिक बैंकिंग सेवाओं का इतिहास लगभग 200 साल पुराना है। आज इस आधुनिक बैंकिंग का इस्तेमाल हम भारत में कर रहे हैं उसकी शुरुआत ब्रिटिश राज में हुई थी लगभग १९वीं शताब्दी में। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने तीन बैंकों की शुरुआत की थी – बैंक ऑफ़ बंगाल – 2 June 1806, बैंक ऑफ मुंबई – 15 April 1840 और बैंक ऑफ मद्रास – 1 July 1843 में।
बाद में इन तीनों बैंकों का विलय 1921 में एक नए बैंक “इंपीरियल बैंक” में कर दिया गया, जिसे आगे चलकर 1955 में “भारतीय स्टेट बैंक” में विलय कर दिया गया। इलाहाबाद बैंक भारत का पहला निजी बैंक था। 1935 भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना की गई और उसके बाद पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक और इंडियन बैंक की स्थापना हुई।
1947 में स्वतंत्रता के उपरांत भारतीय रिजर्व बैंक का केंद्रीय बैंक (Central Bank) का दर्जा बरकरार रखा गया। सभी प्रकार के मौद्रिक नीतियों को तय करने और उन्हें लागू करने का दायित्व भी इसे ही सौंपा गया। भारत में प्रमुख 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण 19 जुलाई 1969 को किया गया। यह सभी बैंक वाणिज्यिक बैंक थे और आगे चलकर 15 अप्रैल 1980 को निजी क्षेत्र के 6 और बैंकों को राष्ट्रीय कृत किया गया। चलिए अब जानते हैं भारत में कितने प्रकार के बैंक हैं? – Bharat Mein Kitne Prakar Ke Bank Hai?
भारत में बैंक कितने प्रकार के है? – Bharat Mein Kitne Prakar Ke Bank Hai?
अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि भारत में कितने प्रकार के बैंक है तो चलिए जानते हैं भारत में बैंक के प्रकार – Bharat Mein Kitne Prakar Ke Bank Hai?:
1: केंद्रीय बैंक – भारतीय रिजर्व बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक को हम भारत का सेंट्रल बैंक भी कहते हैं। यह बैंक बाकी सभी बैंकों को संचालित करता है। सभी प्रकार के मौद्रिक नीतियों को तय करने और उन्हें लागू करने का दायित्व इसका है। भारतीय रिजर्व बैंक को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है:
- केंद्रीय कार्यालय।
- क्षेत्रीय कार्यालय।
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) का एक केंद्रीय कार्यालय जो मुंबई में स्थित है और इसके अलावा 31 क्षेत्रीय कार्यालय है।
2: सरकारी बैंक – पब्लिक सेक्टर बैंक
पब्लिक सेक्टर बैंक का मतलब है “सरकारी बैंक”। जिसमें 51% से अधिक भागीदारी सरकार की होती है, उदाहरण के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और इलाहाबाद बैंक आदि।
3: निजी बैंक – प्राइवेट सेक्टर बैंक
निजी बैंक जिन्हें हम प्राइवेट सेक्टर बैंक भी कहते हैं। जिनमें 51% से ज्यादा भागीदारी किसी निजी कंपनी की होती है। भारत के कुछ जाने-माने निजी बैंक है जैसे एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक आदि।
4: विदेशी बैंक – फॉरेन बैंक
यह वह बैंक होते हैं जो मूल रूप से भारत के ना होकर किसी अन्य देश का होता है। लेकिन उसे भारत में शाखाएं खोलने की अनुमति दी गई होती है। इसमें 51% से ज्यादा भागीदारी किसी विदेशी सरकार यह कंपनी की होती है जैसे कि हांगकांग एंड शांगहाई बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मोरिशियस, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक आदि।
5: क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक – रीजनल रूरल बैंक
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को हम रीजनल रूरल बैंक भी कहते हैं। यह बैंक राज्य स्तर के बैंक होते हैं, जिन्हें सरकार संचालित करती है। इनका मुख्य मकसद गांव में बसे लोगों को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करना है। उदाहरण के लिए कावेरी ग्रामीण बैंक आदि।
6: सहकारी बैंक – कॉपरेटिव बैंक
सहकारी बैंकों को कोऑपरेटिव बैंक भी कहते हैं। इस समय भारत में कुल 32 राज्य सहकारी बैंक और 53 अनुसूचित शहरी सहकारी बैंक है। इन बैंकों का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों और शहरी क्षेत्रों में छोटे उत्पादन करने वाले व्यापारियों को सेवाएं प्रदान करना है। उदाहरण के लिए बिहार स्टेट कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, केरल राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड, राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड आदि।
7: लघु वित्त बैंक
लघु वित्त बैंक का उद्देश्य फाइनेंस से संबंधित कार्य करना है, जैसे कि किसी वाहन, स्मार्टफोन, मकान या ऐसे अन्य वस्तुओं पर फाइनेंस की सुविधा देना है। इस तरह के बैंक, बचत खाता खोलने के साथ ही उन्हें ऋण अर्थात लोन प्रदान करने की सुविधा भी देते हैं। उदाहरण के लिए उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक, सूर्योदय लघु वित्त बैंक, उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक आदि।
8: भुगतान बैंक – पेमेंट बैंक
पेमेंट बैंकों को जनता की सामान्य बैंकिंग की जरूरतों को पूरा करने के लिए खोला गया था। लेकिन इन पर कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं जैसे पेमेंट बैंक लोगों के करंट और बचत खाता खोल सकेंगे, लेकिन लोगों को क्रेडिट कार्ड नहीं दे सकते। पेमेंट बैंक कर्ज या उधार सेवा नहीं दे सकते। इस समय देश में 7 पेमेंट बैंक कार्य कर रहे हैं उदाहरण के लिए एयरटेल पेमेंट बैंक, पेटीएम पेमेंट्स बैंक, जिओ पेमेंट्स बैंक आदि।
भारत में कुल कितने बैंक है?
भारत में कुल कितने बैंक हैं – से संबंधित कुछ विस्तृत जानकारी:
समय के साथ ही भारत में बैंकों की संख्या में निरंतर बदलाव होते रहे है।
भारत का पहला बैंक कौन सा है?
भारत का सर्वप्रथम बैंक: बैंक ऑफ हिंदुस्तान था। यह बैंक 1770 में स्थापित किया गया था और 50 वर्ष के संचालन के बाद इस बैंक को समाप्त कर दिया गया।
भारत में कुल कितने राष्ट्रीय कृत बैंक है?
वर्तमान समय में भारत में कुल 12 राष्ट्रीय कृत बैंक है और भारतीय सेंट्रल बैंक इन सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों का प्रबंध करने वाला बैंक है।
भारत का सबसे पुराना बैंक कौन सा है?
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भारत का सबसे बड़ा और पुराना बैंक है।
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FAQ: भारत में कितने प्रकार के बैंक हैं? | Bharat Mein Kitne Prakar Ke Bank Hai? से संबंधित सभी प्रकार के प्रश्न:
भारत में कुल कितने वाणिज्यिक बैंक है?
भारत में कुल 116 वाणिज्यिक बैंक – (12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, 20 निजी क्षेत्र के बैंक और 45 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा 41 विदेशी बैंक) है।
भारत में कुल कितने लघु वित्त बैंक है?
इस समय भारत में कुल 10 लघु वित्त बैंक है।
भारत में भुगतान बैंक कितने हैं?
भारत में कुल 6 भुगतान बैंक है।
भारत में कितने सहकारी बैंक है?
वर्तमान समय में भारत में 85 सहकारी बैंक है – (32 राज्य सहकारी बैंक और 53 शहरी सरकारी बैंक।